Thursday, January 31, 2013

डा॰ हरी ओम पवार

बाबर हमलावर था मन में गढ़ लेना

इतिहासों में लिखा है पढ़ लेना

जो तुलना करते हैं बाबर-राम की

उनकी बुद्धि है निश्चित किसी गुलाम की

राम हमारे गौरव के प्रतिमान हैं

राम हमारे भारत की पहचान हैं

राम हमारे घट-घट के भगवान् हैं

राम हमारी पूजा हैं अरमान हैं

राम हमारे अंतरमन के प्राण हैं

मंदिर-मस्जिद पूजा के सामान हैं

राम दवा हैं रोग नहीं हैं सुन लेना

राम त्याग हैं भोग नहीं हैं सुन लेना

राम दया हैं क्रोध नहीं हैंजग वालो

राम सत्य हैं शोध नहीं हैं जग वालों

राम हुआ है नाम लोकहितकारी का

रावण से लड़ने वाली खुद्दारी का

दर्पण के आगे आओ

अपने मन को समझाओ

खुद को खुदा नहीं आँको

अपने दामन में झाँको

याद करो इतिहासों को

सैंतालिस की लाशों को

जब भारत को बाँट गई थी वो लाचारी मजहब की |

ऐसा ना हो देश जला दे ये चिंगारी मजहब की ||

----------------------------------- डा॰ हरी ओम पवार

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By Lokesh Sharma

कोई कह दे कब काशी ने काबा की दीवारें तोड़ी,

हमने कब मक्का में जाकर मस्जिद या मीनारें तोड़ी !!

तुम खूब पढो कुराने किन्तु हमको भी वेद पढ़ाने दो,

चन्दा से बैर नहीं लेकिन सूरज को अर्ध्य चढाने दो !!

पर अपनी धर्मसुरक्षा में सूरज की आग नहा लेंगें,

गंगा को पड़ी जरूरत यदि शोणित की नदी बहा देंगे !!

हम सागर हैं पर मत भूलो बलबावन बनकर तपते हैं,

बर्फीली परतों में भी लपटों वाले वंश पनपते हैं !!

तो साफ़ बता दूं अब हिंसक हर लहर मोड़ दी जाएगी,

क्रान्तिग्रंथ में एक कहानी और जोड़ दी जाएगी !!

जो उपवन पर घात करे वो शाख तोड़ दी जाएगी,

जन्मभूमि पर उठी हुई हर आँख फोड़ दी जाएगी !!

जय जय श्री राम ...जय हिंदुत्व.. जय माँ भारती...
जय हो सनातन धर्म की

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