Thursday, January 17, 2013

क्यों होते है मुस्लमान ज्यादा बीमार.


आप अगर कभी सरकारी अस्पताल जाए तो गौर करियेगा की मुस्लिम महिलाओ और पुरुषों की काफी भीड़ होगी वहा | हिन्दुओ और अन्य पंथ के मुकाबले मुस्लिम अधिक बीमार पड़ते हैं मैंने इसपर चिंतन किया और इसके कई कारण पाए हैं, हम वरीयता क्रम में
चर्चा करेंगे | 

१. भाई बहनो के बीच विवाह : यह सबसे बड़ा कारण हैं | कुदरती तौर पर हमारा आकर्षण इस प्रकार होता हैं की हम उसी को पसंद करते हैं जिसके माध्यम से हम अपने बेहतर जींस अपने बच्चों को दे सके | स्त्री पुरुषों दोनों में ये होता हैं | जोड़ो के एम. एच. सी.
जींस(M.H.C genes) अलग होने चाहिए अन्यथा होने वाले बच्चे की प्रतिरोधन क्षमता (Immunity) कम हो जाती हैं | इसीलिए
महर्षि दयानंद ने सत्यार्थ प्रकाश में बताया हैं के माता की ६ पीढ़ी और पिता की २ पीढ़ी एवं गोत्र छोड के ही विवाह करना चाहिए | पर मुस्लिम तो अपने ही चाचा, ताऊ, बुआ मौसा- मौसी इत्यादि के बेटे-बेटियों से विवाह कर देते हैं इस से बच्चों में अच्छे जींस जाने के बजाये घटिया जींस जाते हैं | प्रतिरोधन क्षमता कम होना तो दुषपरिणाम का हिस्सा मात्र हैं | सोचने की क्षमता शरीर की सुडौलता न रोग इत्यादि बहुत कुछ मुस्लिम जोड़ो को प्रभावित कर्ता हैं और उनके बच्चो का भविष्य तो खराब होता ही हैं | इसलिए मुस्लिम  लडको के जींस घटिया हो चुके हैं जिनके पूर्वज अगर २ पीढ़ी पहले भी हिंदू से मुस्लिम हुए हैं | हाला के स्त्रियों की प्रतिरोधन क्षमता पुरुषों से ज्यादा होती हैं पर वे यौन रोगो की चपेट में आ जाती हैं अपने पति की वजह से | तो अगर आप लड़की हैं आर्य (हिंदू) या मुस्लिम और किसी मुस्लिम लड़के से शादी करने जा रही हैं तो इस बात का प्रमुखता से ख्याल रखे की आपके घटिया जींस ही आगे जाएँगे और उसमे मुस्लिम लडको के घटिया दूषित जींस भी साथ मिल जायेंगे विपरीत इसके की आर्य विवाह सदैव आगे की उत्तम पीढ़ी के ली करते रहे हैं | हां मुस्लिम लडकियो से आर्य (हिंदू) लड़के शादी कर सकते हैं क्यों की एक तो उनकी प्रतिरोधन क्षमता ज्यादा होती हैं फिर वे मानवीय जिंसों में हुई गिरावट को सुधार सकते हैं क्यों की हिन्दुओ में तो इसका विशेष ख्याल रखा जाता हैं की लड़की दूर-२ के रिश्ते से लड़के की बहन ना लगे | आखिर मानव समाज का कल्याण करने वाले हम आर्य ही तो हैं |

२. मुसलमानों का खान पान : मांसाहार सदैव
से नुकसानदायक रहा हैं और
मुसलमानों का तो किसी अन्य समूह के
मुकाबले अत्यधिक मांसाहार रहता हैं |
इस वजह से दुनिया भर
की बीमारिया उनको घेर लेती हैं |
यहाँ तक की जानवरों की भी भिन्न रोग
उन्हें लग जाते हैं |
३. मुस्लिमो की खानपान से आई नपुसंकता :
शरीर में ग्रंथिया भोजन के हिसाब से
क्रिया करती हैं | पुरुषों में टेस्टेस्टोरोन
और महिलाओ में एस्ट्रोजन
कामुकता का प्रमुख कारण होता हैं | पर
मांसाहार की वजह से टेस्टेस्टोरोन
की मात्रा बढ़ जाती हैं इस से सोचने
की क्षमता तो कम होती ही हैं संयम
क्षमता भी कम होती हैं | नतीजा होता हैं
मुस्लिम महिलाओ का असंतुष्ट रहना |
मुस्लिम
लडको का खतना भी असंतुष्टि का कारण
हैं पर वह खान-पान की वजह से नहीं हैं |
असंतुष्टि मानसिक तनाव तो देती ही हैं
साथ ही और प्रयास करने
को भी उत्प्रेरित करती हैं जिस से
नापुसकता में बढ़ोतरी होती हैं |
४. मुस्लिम औरतो का घर में बंद रहना :
मुस्लिम औरते शादी की शुरुआत में घर में
कैद सी ही रहती हैं हिंदू औरतो की तरह
उन्हें वो आजादी नहीं होती | और
स्वास्थ के ली सुबह शाम
टहलना कितना जरुरी हैं ये हम
सभी जानते हैं |
५. मुस्लिमो का गंदगी से रहना :
सभी परिवार नहीं पर बड़े परिवार
जो निम्न मध्यम वर्ग य गरीब वर्ग से
तालुक्क रखते हैं घरों में गंदगी रहती ही हैं
| फिर जो पैसे वाले मुस्लिम हैं भी वे
रहते तो उन्ही मिली जुली बस्तियो में हैं
तो वे कहा से बच पायेंगे |
६. मुस्लिमो का बड़ा परिवार होना :
क्यों की ज्यादातर मुसलमानों के परिवार
बहुत बड़े होते हैं इस वजह से परिवार में
कोई ना कोई तो बीमार रहता ही हैं
जो की स्वाभाविक हैं | इसी वजह से
बीमारियों का अदान प्रदान तेजी से
होता हैं |
७. सोच : सबसे महत्व की चीज़ मनुष्य
की सोच, सोच ही हमारा व्यक्तित्व
बनाती हैं यदि हमारी सोच विचार स्वस्थ
नहीं तो हम भी स्वास्थ नहीं रह सकते
और मुस्लिमो को तो बचपन से
ही विचारों की स्वतंत्रता खत्म कर
दी जाती और बुरे विचारों को उनके
मस्तिष्क में अल्लाह और रसूल
की मर्ज़ी बता कर डाल दिए जाते हैं |
आप अगर कभी सरकारी अस्पताल
जाए तो गौर करियेगा की मुस्लिम
महिलाओ और पुरुषों की काफी भीड़
होगी वहा | हिन्दुओ और अन्य पंथ के
मुकाबले मुस्लिम अधिक बीमार पड़ते हैं
मैंने इसपर चिंतन किया और इसके कई
कारण पाए हैं, हम वरीयता क्रम में
चर्चा करेंगे |
१. भाई बहनो के बीच विवाह : यह सबसे
बड़ा कारण हैं | कुदरती तौर पर
हमारा आकर्षण इस प्रकार होता हैं
की हम उसी को पसंद करते हैं जिसके
माध्यम से हम अपने बेहतर जींस अपने
बच्चों को दे सके | स्त्री पुरुषों दोनों में
ये होता हैं | जोड़ो के एम. एच. सी.
जींस(M.H.C genes) अलग होने
चाहिए अन्यथा होने वाले बच्चे
की प्रतिरोधन क्षमता (Immunity)
कम हो जाती हैं | इसीलिए
महर्षि दयानंद ने सत्यार्थ प्रकाश में
बताया हैं के माता की ६ पीढ़ी और
पिता की २ पीढ़ी एवं गोत्र छोड के
ही विवाह करना चाहिए | पर मुस्लिम
तो अपने ही चाचा, ताऊ, बुआ मौसा-
मौसी इत्यादि के बेटे-बेटियों से विवाह
कर देते हैं इस से बच्चों में अच्छे जींस
जाने के बजाये घटिया जींस जाते हैं |
प्रतिरोधन क्षमता कम
होना तो दुषपरिणाम का हिस्सा मात्र हैं
| सोचने की क्षमता शरीर
की सुडौलता यौन रोग इत्यादि बहुत कुछ
मुस्लिम जोड़ो को प्रभावित कर्ता हैं और
उनके बच्चो का भविष्य तो खराब
होता ही हैं | इसलिए मुस्लिम लडको के
जींस घटिया हो चुके हैं जिनके पूर्वज
अगर २ पीढ़ी पहले भी हिंदू से मुस्लिम हुए
हैं | हाला के स्त्रियों की प्रतिरोधन
क्षमता पुरुषों से ज्यादा होती हैं पर वे
यौन रोगो की चपेट में आ जाती हैं अपने
पति की वजह से | तो अगर आप
लड़की हैं आर्य (हिंदू) या मुस्लिम और
किसी मुस्लिम लड़के से शादी करने
जा रही हैं तो इस बात का प्रमुखता से
ख्याल रखे की आपके घटिया जींस
ही आगे जाएँगे और उसमे मुस्लिम
लडको के घटिया दूषित जींस भी साथ
मिल जायेंगे विपरीत इसके की आर्य
विवाह सदैव आगे की उत्तम पीढ़ी के
ली करते रहे हैं | हां मुस्लिम लडकियो से
आर्य (हिंदू) लड़के शादी कर सकते हैं
क्यों की एक तो उनकी प्रतिरोधन
क्षमता ज्यादा होती हैं फिर वे मानवीय
जिंसों में हुई गिरावट को सुधार सकते हैं
क्यों की हिन्दुओ में तो इसका विशेष
ख्याल रखा जाता हैं की लड़की दूर-२ के
रिश्ते से लड़के की बहन ना लगे | आखिर
मानव समाज का कल्याण करने वाले हम
आर्य ही तो हैं |
२. मुसलमानों का खान पान : मांसाहार सदैव
से नुकसानदायक रहा हैं और
मुसलमानों का तो किसी अन्य समूह के
मुकाबले अत्यधिक मांसाहार रहता हैं |
इस वजह से दुनिया भर
की बीमारिया उनको घेर लेती हैं |
यहाँ तक की जानवरों की भी भिन्न रोग
उन्हें लग जाते हैं |
३. मुस्लिमो की खानपान से आई नपुसंकता :
शरीर में ग्रंथिया भोजन के हिसाब से
क्रिया करती हैं | पुरुषों में टेस्टेस्टोरोन
और महिलाओ में एस्ट्रोजन
कामुकता का प्रमुख कारण होता हैं | पर
मांसाहार की वजह से टेस्टेस्टोरोन
की मात्रा बढ़ जाती हैं इस से सोचने
की क्षमता तो कम होती ही हैं संयम
क्षमता भी कम होती हैं | नतीजा होता हैं
मुस्लिम महिलाओ का असंतुष्ट रहना |
मुस्लिम
लडको का खतना भी असंतुष्टि का कारण
हैं पर वह खान-पान की वजह से नहीं हैं |
असंतुष्टि मानसिक तनाव तो देती ही हैं
साथ ही और प्रयास करने
को भी उत्प्रेरित करती हैं जिस से
नापुसकता में बढ़ोतरी होती हैं |
४. मुस्लिम औरतो का घर में बंद रहना :
मुस्लिम औरते शादी की शुरुआत में घर में
कैद सी ही रहती हैं हिंदू औरतो की तरह
उन्हें वो आजादी नहीं होती | और
स्वास्थ के ली सुबह शाम
टहलना कितना जरुरी हैं ये हम
सभी जानते हैं |
५. मुस्लिमो का गंदगी से रहना :
सभी परिवार नहीं पर बड़े परिवार
जो निम्न मध्यम वर्ग य गरीब वर्ग से
तालुक्क रखते हैं घरों में गंदगी रहती ही हैं
| फिर जो पैसे वाले मुस्लिम हैं भी वे
रहते तो उन्ही मिली जुली बस्तियो में हैं
तो वे कहा से बच पायेंगे |
६. मुस्लिमो का बड़ा परिवार होना :
क्यों की ज्यादातर मुसलमानों के परिवार
बहुत बड़े होते हैं इस वजह से परिवार में
कोई ना कोई तो बीमार रहता ही हैं
जो की स्वाभाविक हैं | इसी वजह से
बीमारियों का अदान प्रदान तेजी से
होता हैं |
७. सोच : सबसे महत्व की चीज़ मनुष्य
की सोच, सोच ही हमारा व्यक्तित्व
बनाती हैं यदि हमारी सोच विचार स्वस्थ
नहीं तो हम भी स्वास्थ नहीं रह सकते
और मुस्लिमो को तो बचपन से
ही विचारों की स्वतंत्रता खत्म कर
दी जाती और बुरे विचारों को उनके
मस्तिष्क में अल्लाह और रसूल
की मर्ज़ी बता कर डाल दिए जाते हैं |

1 comment:

  1. इस्लाम को आंतकवादी बोलते हो। जापान मे तो अमेरिका ने परमाणु बम गिराया लाखो बेगुनाह मारे गये तो क्या अमेरिका आंतकवादी नही है। प्रथम विश्व युध्द मे करोडो लोग मारे गये इनको मारने मे भी कोई मुस्लिम नही था। तो क्या अब भी मुस्लिम आंतकवादी है। दूसरे विश्व युध्द मे भी लाखो करोडो निर्दोषो की जान गयी इनको मारने मे भी कोई मुस्लिम नही था। तो क्या मुस्लिम अब भी आंतकवादी हुए अगर नही तो फिर तुम इस्लाम को आंतकवादी बोलते कैसे हो। बेशक इस्लाम शान्ति का मज़हब है।और हाॅ कुछ हदीस ज़ईफ होती है।ज़ईफ हदीस उनको कहते है जो ईसाइ और यहूदियो ने गढी है। जैसे मुहम्मद साहब ने 9 साल की लडकी से निकाह किया ये ज़ईफ हदीस है। आयशा की उम्र 19 साल थी। ये उलमाओ ने साबित कर दिया है। क्योकि आयशा की बडी बहन आसमा आयशा से 10 साल बडी थी और आसमा का इंतकाल 100 वर्ष की आयु मे 73 हिज़री को हुआ। 100 मे से 73 घटाओ तो 27 साल हुए।आसमा से आयशा 10 साल छोटी थी तो 27-10=17 साल की हुई आयशा और आप सल्ललाहु अलैही वसल्लम ने आयशा से 2 हिज़री को निकाह किया।अब 17+2=19 साल हुए। इस तरह शादी के वक्त आयशा की उम्र 19 आप सल्ललाहु अलैही वसल्लम की 40 साल थी।हिन्दुओ का इतिहास द्रोपती ने 5 पांडवो से शादी की तो क्या ये गलत नही है हम मुसलमान तो 4 औरते से शादी कर सकते है ऐसी औरते जो विधवा हो बेसहारा हो। लेकिन क्या द्रोपती सेक्स की भूखी थी। और शिव की पत्नी पार्वती ने गणेश को जन्म दिया शिव की पीछे। पार्वती ने फिर किस के साथ सेक्स किया ।इसलिए शिव ने उस लडके की गर्दन काट दी क्या भगवान हत्या करता है ।श्री कृष्ण गोपियो को नहाते हुए क्यो देखता था और उनके कपडे चुराता था जबकि कृष्ण तो भगवान था क्या भगवान ऐसा गंदा काम कर सकता है । महाभारत मे लिखा है कृष्ण की 16108 बीविया थी तो फिर हम मुस्लिमो को एक से अधिक शादी करने पर बुरा कहा जाता । महाभारत युध्द मे जब अर्जुन हथियार डाल देता तो क्यो कृष्ण ये कहते है ऐ अर्जुन क्या तुम नपुंसक हो गये हो लडो अगर तुम लडते लडते मरे तो स्वर्ग को जाओगे और अगर जीत गये तो दुनिया का सुख मिलेगा। तो फिर हम मुस्लिमो को क्यो बुरा कहा जाता है हम जिहाद बुराई के खिलाफ लडते है अत्यचारियो और आक्रमणकारियो के विरूध वो अलग बात है कुछ लोग जिहाद के नाम पर बेगुनाहो को मारते है और जो ऐसा करते है वे ना मुस्लिम है और ना ही इन्सान जानवर है। राम और कृष्ण के तो मा बाप थे क्या कोई इन्सान भगवान को जन्म दे सकता है। वेद मे तो लिखा है ईश्वर अजन्मा है और सीता की बात करू तो राम तो भगवान थे क्या उनमे इतनी भी शक्ति नही थी कि वे सीता के अपहरण को रोक सके। राम जब भगवान थे तो रावण की नाभि मे अमृत है ये उनको पहले से ही क्यो नही पता था रावण के भाई ने बताया तब पता चला। क्या तुम्हारे भगवान राम को कुछ पता ही नही कैसा भगवान है ये। और इन्द्र देवता ने साधु का वेश धारण कर अपनी पुत्रवधु का बलात्कार किया फिर भी आप देवता क्यो मानते हो। खुजराहो के मन्दिर मे सेक्सी मानव मूर्तिया है क्या मन्दिर मे सेक्स की शिक्षा दी जाती है मन्दिरो मे नाच गाना डीजे आम है क्या ईश्वर की इबादत की जगह गाने हराम नही है ।राम ने हिरण का शिकार क्यो किया बहुत से हिन्दु कहते है हिरण मे राक्षस था तो क्या आपके राम भगवान मे हिरण और राक्षस को अलग करने की क्षमता नही थी ये कैसा भगवान है।हमे कहते हो जीव हत्या पाप है मै भी मानता हू कुत्ते के बेवजह मारना पाप है । कीडी मकोडो को मारना पाप है पक्षियो को मारना पाप है।

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