Friday, January 4, 2013

क्या ये नारी का अपमान नहीं..

जब वोडाफोन के एक विज्ञापनमें दो पैसो मे लड़की पटाने की बात की जाती है तबकौन ताली बजाता है?
पेन्टी हो या पेन्ट हो, कॉलगेट या पेप्सोडेंट हो,
साबुन या डिटरजेण्ट हो , कोईभी विज्ञापन हो,
#सब में ये छरहरे बदन वालीछोरियो के अधनंगे बदन को परोसना क्या नारीत्व के साथ बलात्कार नहीं है?
#फिल्म को चलाने के लिए आईटम सॉन्ग के नाम पर लड़कियो को जिस तरह मटकवाया जाता है या यू कहे लगभग आधानंगा करके उसके अंग प्रत्यंग
को फोकस के साथ दिखाया जाता है वो स्त्रीयत्व के साथ बलात्कार करना नहीं हैक्या?
#पत्रिकाए हो या अखबार सबमे आधी नंगी लड़कियो के फोटो किसके लिए और
क्या सिखाने के लिए भरपूर मात्र मे छापे जाते है? ये स्त्रीयत्व का बलात्कार नहीं है क्या?
#दिन रात , टीवी हो या पेपर, फिल्मे होया सीरियल, लगातार स्त्रीयत्व का बलात्कार होते देखने वाले,और उस पर खुश होने वाले, उसका समर्थन करने वाले क्या बलात्कारी नहीं है ?
#संस्कृति के साथ , मर्यादाओ के साथ, संस्कारोके साथ, लज्जा के साथ जो येसब किया जा रहा है वो बलात्कार नहीं है क्या?
#निरंतर हो रहे नारीत्व केबलात्कार के समर्थको को नारी के बलात्कार पर शर्म आना उसी तरह है जैसे मांस खाने वाला , लहसुन प्याजपरनाक सिकोडे
जिस देश में "आजा तेरी _ मारू , तेरे सर से _ _
का भूत उतारू" जैसा गाना गाने वाला हनीसिंह ,
सीरियल किसर कहे जाना वालाइमरान हाशमी,
और इसी तरह का नंगानाच फैलाने वाले
युवाओ के " आइडल" बनरहे होवहा बलात्कार और
छेडछाड़ की घटनाए नहीं तो और क्या बढ़ेगा?
कुल मिलाकर मेरे कहने का अर्थ ये हैभाई कि जब
हम स्त्रीयत्व का सम्मान करना सीखेंगे तभी हम
नारी का सम्मान करना सीख पाएंगे

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