हमेँ 26 जनवरी का उत्सव मनाना सिखाया जाता है ताकि हमारी एक ऐसे घटिया संविधान मेँ श्रद्धा बनी रहे जिसने पिछले 63 वर्षोँ मेँ साढ़े चार करोड़ से ज्यादा मुकद्दमोँ का कोई फैसला नहीँ किया, वो अपराध तो दूर हैँ जिनपे कोई मुकद्दमा ही दायर नहीँ है । भारतीयोँ को ये पहले से पता था पर इस बार शायद कुछ इंडियंस को भी पता चल गया ।
क्या अब भी आप ये सोचते हैँ कि ये घटिया संविधान आपको कभी कुछ दे पाएगा ? यदि आप कोर्ट कचहरी के चक्कर मेँ नहीँ पड़े हैँ और हाँ कहते हैँ तो मैँ आपकी मासूमियत के लिये उन पापियोँ को जिम्मेदार मानता हूँ जिनसे आपका अभी तक पाला नहीँ पड़ा और अगर आप सहमत हैँ तो इसे अधिक से अधिक शेयर करेँ व इस घातक संविधान (जिसे थॉमस बैबिग्टन मैकॉले या टी.बी. मैकॉले ने लिखा है) को ऐसी कुरान माने जिस पर पुलिस व सरकार आपको गुलाम बनाए हुए है । लिखते वक्त मेरा मन बहुत दुःखी है । यदि आपका मन पढ़ते वक्त दुःखी ना हो तो पिछले 26जनवरी से आज तक की सिर्फ मीडिया द्वारा दिखाई गई खबरोँ को एक बार फिर से दोहरा लेँ । शायद आप भी इसे शेयर करने को तैयार हो जाएँ । आपकी आत्मा को सरकार ने सुलाया जरुर है पर आपकी आत्मा मरी नहीँ है अभी
.
26 जनवरी1950 को हमारे देश में संविधान लागू हुआ था!
तब से लेकर आज तक प्रत्येक बर्ष 26 जनवरी को हम
गणतंत्र दिवस मनाते आ रहे है!15 अगस्त1947 से पहले
हमारा देश उन गोरी चमड़ी वालों का गुलाम
था जिन्होंने हमें लग-भग 200 बर्षों तक गुलाम बनाए
रखा।हमारे हजारों वीर सपूतों ने अपनी जान
की कुर्वानी देकर इस देश को आजादी दिलाई थी। तब
कहीं जाकर हमारा देश स्वतंत्र हुआ और अपना संविधान
लागू हुआ! बाबा साहब एंड कंपनी को संविधान निर्माण
का दायित्व सौपा गया।2 बर्ष 11 माह तथा 18 दिन में
बाबा साहब अम्बेडकर एण्ड कंपनी ने संविधान का पूर्ण
निर्माण 26 नबम्बर 1949को ही कर दिया था।
संविधान को 26 जनबरी को ही लागू क्यों किया गया?
क्यों कि 26 जनवरी 1929 को प.नेहरु
की अध्यक्षता वाले लाहोर अधिवेशन में अंग्रेजों के
खिलफा पूर्ण स्वराज्य की मांग तेज कर दी थी। बा साहब
अम्बेडकर को उनकी योग्यता और ज्ञान के लिए भारतीय
संविधान की प्रारुप समिति का अध्यक्ष नियुक्त
किया गया था।डा.राजेन्द्र प्रसाद संविधान
सभी की स्थाई समिति के अध्यक्ष थे।संविधान निर्माण के
पश्चात डा. अम्बेडर ने अपने उदघोषन् में कहा था कि'
संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो यदि उसे प्रयोग में
लाने वाले लोग गलत हैं तो वह गलत ही सावित
होगा,यदि सविधान कितना भी गलत क्यों न हो यदि उसे
प्रयोग में लाने वाले लोग सही हो तो वह गलत से गलत
संविधान भी अंतत: सही सावित होगा"।25
जनवरी 1950 को डा.अम्बेकर ने कहा था , “आज हमें
राजनैतिक समानता तो मिल गयी हैं लेकिन आज
भी सामाजिक और आर्थिक एकता से कोसो दूर हैं , ये
काफी हैरान करने वाली बात हैं अगर हमने जल्द ही इस
सामाजिक और आर्थिक असमानता को खत्म
नहीं किया तो एक दिन यही लोग रास्ते पर उतर कर इस
संसद को उखाड़ फेंक देगें।
क्या अब भी आप ये सोचते हैँ कि ये घटिया संविधान आपको कभी कुछ दे पाएगा ? यदि आप कोर्ट कचहरी के चक्कर मेँ नहीँ पड़े हैँ और हाँ कहते हैँ तो मैँ आपकी मासूमियत के लिये उन पापियोँ को जिम्मेदार मानता हूँ जिनसे आपका अभी तक पाला नहीँ पड़ा और अगर आप सहमत हैँ तो इसे अधिक से अधिक शेयर करेँ व इस घातक संविधान (जिसे थॉमस बैबिग्टन मैकॉले या टी.बी. मैकॉले ने लिखा है) को ऐसी कुरान माने जिस पर पुलिस व सरकार आपको गुलाम बनाए हुए है । लिखते वक्त मेरा मन बहुत दुःखी है । यदि आपका मन पढ़ते वक्त दुःखी ना हो तो पिछले 26जनवरी से आज तक की सिर्फ मीडिया द्वारा दिखाई गई खबरोँ को एक बार फिर से दोहरा लेँ । शायद आप भी इसे शेयर करने को तैयार हो जाएँ । आपकी आत्मा को सरकार ने सुलाया जरुर है पर आपकी आत्मा मरी नहीँ है अभी
.
॥ वन्दे मातरम् ॥
26 जनवरी1950 को हमारे देश में संविधान लागू हुआ था!
तब से लेकर आज तक प्रत्येक बर्ष 26 जनवरी को हम
गणतंत्र दिवस मनाते आ रहे है!15 अगस्त1947 से पहले
हमारा देश उन गोरी चमड़ी वालों का गुलाम
था जिन्होंने हमें लग-भग 200 बर्षों तक गुलाम बनाए
रखा।हमारे हजारों वीर सपूतों ने अपनी जान
की कुर्वानी देकर इस देश को आजादी दिलाई थी। तब
कहीं जाकर हमारा देश स्वतंत्र हुआ और अपना संविधान
लागू हुआ! बाबा साहब एंड कंपनी को संविधान निर्माण
का दायित्व सौपा गया।2 बर्ष 11 माह तथा 18 दिन में
बाबा साहब अम्बेडकर एण्ड कंपनी ने संविधान का पूर्ण
निर्माण 26 नबम्बर 1949को ही कर दिया था।
संविधान को 26 जनबरी को ही लागू क्यों किया गया?
क्यों कि 26 जनवरी 1929 को प.नेहरु
की अध्यक्षता वाले लाहोर अधिवेशन में अंग्रेजों के
खिलफा पूर्ण स्वराज्य की मांग तेज कर दी थी। बा साहब
अम्बेडकर को उनकी योग्यता और ज्ञान के लिए भारतीय
संविधान की प्रारुप समिति का अध्यक्ष नियुक्त
किया गया था।डा.राजेन्द्र प्रसाद संविधान
सभी की स्थाई समिति के अध्यक्ष थे।संविधान निर्माण के
पश्चात डा. अम्बेडर ने अपने उदघोषन् में कहा था कि'
संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो यदि उसे प्रयोग में
लाने वाले लोग गलत हैं तो वह गलत ही सावित
होगा,यदि सविधान कितना भी गलत क्यों न हो यदि उसे
प्रयोग में लाने वाले लोग सही हो तो वह गलत से गलत
संविधान भी अंतत: सही सावित होगा"।25
जनवरी 1950 को डा.अम्बेकर ने कहा था , “आज हमें
राजनैतिक समानता तो मिल गयी हैं लेकिन आज
भी सामाजिक और आर्थिक एकता से कोसो दूर हैं , ये
काफी हैरान करने वाली बात हैं अगर हमने जल्द ही इस
सामाजिक और आर्थिक असमानता को खत्म
नहीं किया तो एक दिन यही लोग रास्ते पर उतर कर इस
संसद को उखाड़ फेंक देगें।
No comments:
Post a Comment