काश, हम इतने भुलक्कड़ न होते.........
हम भूल गए, दामिनी के साथ हुई दरिंदगी,
हम भूल गये दमन की वो नीति,
हम भूल गए वो गालियाँ और अपमान,
हम भूल गए लाठीया, आँसू-गैस, पानी,
और अहंकार मे चुप रहने का फरमान
हम भूल गए मेट्रो का बंद कराना,
हम भूल गये धारा 144 का लगाना,
हम भूल गये तोमर की मौत को भुनाना,
हम भूल गये मीडिया का राग बदलना,
हम भूल गये नेताओं का अपनी बेटियाँ गिनाना,
और फिर माइक देख किसी का कुछ भी बकना,
उन सर्द वीरान रातों की अंत-हीन प्राथनाएं,
और सुबह, अंधे-बहरे-गूंगेतंत्र के सामने हमारा चीखना, चिल्लाना,
काश, हम ना भूलते की हम अपने ही देश मे बेगाने से थे.........
और अब जब भूल ही गये है तो,
चलिये मनाते है, 26 जनवरी, उत्सव का टाइम हो रहा है .......
और अगर नहीं भूले,
तो बहिष्कार कीजिये इस 26 जनवरी को,
किसी भी सरकारी आयोजन या उत्सव का,
एक NO SHOW पब्लिक का भी ।।
बता दीजिये इन्हे की........हम भूलते नहीं...!!!
हम भूल गए, दामिनी के साथ हुई दरिंदगी,
हम भूल गये दमन की वो नीति,
हम भूल गए वो गालियाँ और अपमान,
हम भूल गए लाठीया, आँसू-गैस, पानी,
और अहंकार मे चुप रहने का फरमान
हम भूल गए मेट्रो का बंद कराना,
हम भूल गये धारा 144 का लगाना,
हम भूल गये तोमर की मौत को भुनाना,
हम भूल गये मीडिया का राग बदलना,
हम भूल गये नेताओं का अपनी बेटियाँ गिनाना,
और फिर माइक देख किसी का कुछ भी बकना,
उन सर्द वीरान रातों की अंत-हीन प्राथनाएं,
और सुबह, अंधे-बहरे-गूंगेतंत्र के सामने हमारा चीखना, चिल्लाना,
काश, हम ना भूलते की हम अपने ही देश मे बेगाने से थे.........
और अब जब भूल ही गये है तो,
चलिये मनाते है, 26 जनवरी, उत्सव का टाइम हो रहा है .......
और अगर नहीं भूले,
तो बहिष्कार कीजिये इस 26 जनवरी को,
किसी भी सरकारी आयोजन या उत्सव का,
एक NO SHOW पब्लिक का भी ।।
बता दीजिये इन्हे की........हम भूलते नहीं...!!!
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