Saturday, February 9, 2013

गुजरात से दिल्ली मेट्रो कोच सप्लाई


मित्रो, आज मैंने जो कांग्रेस का पेड फेसबुकिया Umakant Mankad के उस झूठ की पोल खोली जिसमे वो लिखा था की गुजरात से दिल्ली मेट्रो को कोई कोच सप्लाई ही नही हुआ है .. अब झूठ की पोल खुलते देख वो कह रहा है की असल में कोच वडोदरा इम्पोर्ट होते है फिर वो दिल्ली जाते है |

मित्रो, पिछले साल नेशनल जिओग्राफिक पर दिल्ली मेट्रो के बारे में पुरे दो घंटे का कार्यक्रम दिखाया गया था | असल में मेट्रो के कोच को पहले जर्मनी से डीएमआरसी कम्पनी जर्मनी से इम्पोर्ट करती थी कोच की इतनी जल्दी थी की उसे समुद्री रास्ते से नही बल्कि दुनिया के सबसे बड़े मालवाहक प्लेन एन्तोनोव जो पूर्व सोवियत संघ में बना था उससे लाया जाता था | एन्तोनोव इतना बड़ा और विशाल होता है की ये हर एयरपोर्ट से न लैंडिंग कर सकता है और न ही टेकऑफ़ .. इस लिए दिल्ली के इंदिरा गाँधी एयर पोर्ट पर इसके लिए स्पेशल रनवे बनाया गया था |

मित्रो, इससे कोच अपने मूल कीमत से तीन गुने दाम पर डीएमआरसी को पड़ता था |

फिर मेट्रो कोच बनाने वाली तीन कम्पनियों अल्स्त्रोम, बोम्बार्डियर, और हुन्दै कम्पनियों ने अपना प्रोपोजल भारत सरकार को दिया जिसमे भारत में ही मेट्रो कोच बनाने की बात थी | लेकिन भारत सरकार ने इसे ख़ारिज कर दिया | फिर वो लोग गुजरात के मुख्यमंत्री नरेद्र मोदी से मिले ..और मोदी जी ने तुरंत ही इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए बड़ोदरा के पास सावली में जमीन दे दिया |

मित्रो, आज मेट्रो कोच की फेक्ट्री की वजह से बड़ोदरा में एल एंड टी, अल्स्त्रोम, सीमेंस जैसी बड़ी कम्पनियों ने भी अपना प्रोजेक्ट लगाया क्योकि मेट्रो में ये सारी कम्पनिया माल और पुर्जे सप्लाई करती है |

अपने बनने से लेकर अब तक बड़ोदरा से कम से कम १००० से ज्यादा कोच दिल्ली सप्लाई हो चुके है .. अगर आप दिल्ली मेट्रो कोच के पीछे देखेंगे तो लिखा होगा "मेड इन इंडिया बाई बोम्बार्दियर वडोदरा"

मित्रो, मुर्ख का पर्यायवाची ही कांग्रेसी होता है अब इनको कौन समझाये की मेट्रो कोच सिर्फ एन्तोनोव जैसे प्लेन में ही बड़ोदरा आ सकता है और बड़ोदरा एयरपोर्ट पर एन्तोनोव उतर ही नही सकता ..

और समुद्री जहाज से भी कोच बंदरगाह तक आ सकते है उसके बाद भारत में कोई ऐसा ट्रक नही है जिसपर लादकर ये कोच बड़ोदरा आये | हाँ कांग्रेसियो के सर पर लादकर मैंने कोच ले जाते बहुत देखा है...

---Jitendra Pratap Singh

No comments:

Post a Comment