गीता में प्रभु अर्जुन से कहते हैं कि धर्म का आचरण उन्हीं लोगों के साथ किया जाता है जो धर्म का पालन करे , उसके साथ नहीं जो धर्म को मानता ही नहीं है ,ऐसी ही गलती बहुत सालों से हिंदुओं ने की जिसके कारण उनका लगभग सब कुछ चला गया क्यूंकी उनके शत्रु ऐसे थे जो उनके धर्म और उसके नियम को मानते ही नहीं थे , ऐसे में उन अधर्मियों के साथ धर्म का पालन करना मूर्खता ही है !
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